चिटिक अँजोरी~ निर्मल छईहा~
चिटिक अँजोरी निर्मल छईहा
गली गली बगराए वो
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
पुन्नी के चंदा~
एदे एदे दीदी वो पुन्नी के चंदा
एदे एदे भईया गा पुन्नी के चंदा
मोरे गाँव मा
अषाढ़ महीना लुका चोरी
खेलत कुदत नाचे
सावन लागे कोन दुल्हिन कस
डोलिया देखे झांके
भादो के महीना झिंगरी महल ले
भादो के महीना झिंगरी महल ले
तैं नैनां चमकाये वो
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
कातिक महीना भाई बहिनी कस
रूप तोरे मन भावे
अघहन पूस तोरे महीना ला
बरन बरन कब हारे
कुवाँर महीना झर झर मोती
कुवाँर महीना झर झर मोती
अमृत कस बरसाये वो
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
जेठ मांघ म चटक चांदनी
तिरिथ बरस पुन बांटे
जेठ अऊ बैसाख म शीतल
जुड म हवारी लाए
फागुन महीना झमक झमा झम
फागुन महीना झमक झमा झम
रंग गुलाल उडाये वो
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
पुन्नी के चंदा~
एदे एदे दीदी वो पुन्नी के चंदा
एदे एदे भईया गा पुन्नी के चंदा
मोरे गाँव मा
चिटिक अँजोरी निर्मल छईहा
गली गली बगराए वो
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
पुन्नी के चंदा~
एदे एदे दीदी वो पुन्नी के चंदा
एदे एदे भईया गा पुन्नी के चंदा
मोरे गाँव मा
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा
पुन्नी के चंदा मोरे गाँव मा …
कविता वासनिक (हिरकने)
गायन शैली : ?
गीतकार : लक्ष्मण मस्तुरिया
रचना के वर्ष : 1982
संगीतकार : खुमान गिरजा
गायिका : अनुराग ठाकुर, कविता वासनिक (हिरकने)
संस्था/लोककला मंच : ?
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
अगस्त 25, 2010 @ 18:01:36
तुंहर ए काम के बारंबार जैजैकार.
अगस्त 29, 2010 @ 09:07:19
महान काम बर गाड़ा गाड़ा बधाई सरलग जारी रखव अउ सहियोग के मौका देव
जनवरी 27, 2011 @ 10:42:48
महान काम बर गाड़ा गाड़ा बधाई
तुंहर ए काम के बारंबार जैजैकार
मार्च 14, 2011 @ 11:46:14
Tunhar Kaam ha tarif ke kabil have.
Akhre seti Garha Garha Badhai.
जनवरी 27, 2012 @ 20:02:33
nik lagis
मार्च 03, 2012 @ 13:53:02
ye geet la sun ke aise lagthe jaise ‘haman ha hamar dharti mata ke sabar din ke rini hoge haran’ aap man la bahut bahut dhanyad.
मार्च 14, 2012 @ 15:05:57
ADBHUT
अप्रैल 11, 2012 @ 06:54:34
bahut badiya git rahis sanjo ke rakhe bar dhanyvadh
जनवरी 11, 2014 @ 15:48:37
bahut sughar lagis
जून 17, 2014 @ 12:57:02
badh sughhar geet he ………………dhanyawad
जून 24, 2014 @ 14:52:08
Chhattisgarhi lok geet lok kala au a mati ke man banay rkhe br tuhar Garha Garha johar
जुलाई 25, 2014 @ 10:10:54
sir,
Kripaya ” mor kheti khar rumjhum , man bhawra nache jhum- jhum” record ho to upload kare.
dhanyawad
जनवरी 27, 2015 @ 11:43:22
bahut sughar geet he
मई 28, 2016 @ 22:55:47
bahut sundar geet he
नवम्बर 07, 2016 @ 21:44:14
Behtarin
अप्रैल 04, 2017 @ 10:40:17
Anurag thakur mam Ji Kanker me rahti he…. Unki photo kahi nai he…. Please unki photo b daliye
अप्रैल 04, 2017 @ 13:14:13
अविनाश जी आपका सुझाव अच्छा है। हो सके तो आप अनुराग ठाकुर जी का फोटो हमें ईमेल से भेज दिजीए।