रायपुर में सन् 1944 को पिता शेख मोहम्मद और अम्मी झुलपा बी के यहाँ शेख हुसैन जी का जन्म हुआ। प्रायमरी स्कूल डबरी से उन्होंने चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था, और वो मटका बजा बजा कर गाते थे। शेख हुसैन जी संगम आर्केस्ट्रा के प्रमुख गायक थे। आर्केस्ट्रा में निर्मला इंगले, मदन चौहान, हुकुमचंद शर्मा आदि उनके साथी गायक कलाकार थे। हुकुमचंद शर्मा जी मुकेश और मन्ना डे के गाए हिन्दी गीत भी गाते थे। छत्तीसगढ़ी गीत संत मसि दास, बद्रीविशाल परमानंद और सूरजबली शर्मा के होते थे। आर्केस्ट्रा में मदन चौहान – तबला, मिर्जा मोहम्मद बेग – सितार और हुकुमचंद शर्मा – हारमोनियम बजाते थे।
शेख हुसैन एक जिंदादिल इंसान हैं। विषम परिस्थितियों, विसंगतियों से भरी जिंदगी जीते हुए भी शेख हुसैन जी के चेहरे पे निश्चल मुस्कान को देखना सहज ही मन मोह लेता है।
श्री शेख हुसैन जी के परिवार के अन्य सदस्य
पिता – स्व. शेख मोहम्मद
माँ – स्व. श्रीमति झुलपा बी
पत्नी – हकिजा बेगम
पुत्र – शेख ताज
पुत्र वधू – रेहाना बेगम
नाती – शेख नियाज
नातिन – तब्बु
आओ सुनथन श्री शेख हुसैन जी के गाए गीत …
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गोरी तैं धनिया डोली
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले मन के गोरी
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
संग म जाबे, तरिया जाबे वो~
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गोरी तैं धनिया डोली
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
मन के गोरी
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
संग म जाबे, तरिया जा-बे वो~
खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खा-ले वो
गोरी जाम खा-ले वो
गोरी जाम खा-ले~
खट्टा हाबय अमली गोरी जाम खा-ले वो
गोरी जाम खा-ले वो
गोरी जाम खा-ले
कतेक मंझन के रेंगे बासी खा-के वो
गोरी धनिया डोली
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गोरी तैं धनिया डोली
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
मन के गोरी
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
संग म जाबे, तरिया जा-बे वो~
मोटर हाबय टेसन म छूट गे-हे रेल
छूट गे-हे रेल
छूट गे-हे~
मोटर हाबय टेसन म छूट गे-हे रेल
छूट गे-हे रेल
छूट गे-हे
गली गली म बेचत हे तेलिन टुरी तेल
गोरी धनिया डोली
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गोरी तैं धनिया डोली
मोर संग संग म ददरिया गा-ले
मन के गोरी
मोर संग संग म ददरिया गा-ले
संग म जाबे, तरिया जा-बे वो~
कुंदरू करेला बारी म बो-ले वो
बारी म बो-ले वो
बारी म बो-ले~
कुंदरू करेला बारी म बो-ले वो
बारी म बो-ले वो
बारी म बो-ले
तोर आ-गे लेवइया गली म रो-ले वो
गोरी धनिया डोली
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गुलगुल भजिया खा-ले
गोरी तैं धनिया डोली
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
मन के गोरी
मोर संग तैं हर ददरिया गा-ले
संग म जाबे, तरिया जा-बे वो~
गायन शैली : ददरिया
गीतकार : संत मसीह दास
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : ?
गायन : शेख हुसैन
एल्बम : ?
संस्था/लोककला मंच : संगम आर्केस्ट्रा
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
Sanjeeva TiwariS
सितम्बर 19, 2011 @ 08:09:29
सिरतोन कहे भाई, शेख हुसैन जी ह जिन्दादिल इंसान आय, गुलगुल भजिया सुनके मजा आगे.
sangya
सितम्बर 19, 2011 @ 08:16:57
एकदम मजा आ गया……बचपन में ये गीत अक्सर सुनने को मिलता था…बहुत दिनों बाद…शेख हुसैन साहब ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक रचनाओं को उसके मूल स्वरूप में जो आयाम दिये हैं, अतुलनीय है….खासतौर पर ये ददरिया रचना….धन्य हैं हम अपने ऐसे बुजुर्गों के सानिध्य से….
girish pankaj
सितम्बर 19, 2011 @ 09:56:59
मजा आगे…………….
राहुल सिंह
सितम्बर 19, 2011 @ 10:47:38
बढि़या जानकारी सहित प्रस्तुति हे, अपन जमाना के नं. 1 क्लासिक गीत.
”सुनथन” ल सुनत हन लिखना ठीक होही सायद.
pyarelal
सितम्बर 21, 2011 @ 13:52:31
बहुत अच्छा
डॉ. धर्मेन्द्र परिहार
सितम्बर 23, 2011 @ 21:23:25
गुलगुल भजिया खाले …. भई बहुत बढ़िया ददरिया सुनायेव … अब्बद्ग दिन म ऐसन गीत सुने बर मिले हावय. बहुत बहुत आभार .. हुसैन साहब के आवाज म ही उल्लाश अवू मजा निहित हवे ..
A K Patel
सितम्बर 23, 2011 @ 22:06:48
bahut badhia
प्रणय
अक्टूबर 01, 2011 @ 17:02:39
अबड सुघर लागिस
Harihar Vaishnav
अक्टूबर 01, 2011 @ 22:14:13
a geet sunat-sunat ‘gulgul bhajiyaa’ khaay ke aanand aa ge jii.
mukesh chaturvedi
अक्टूबर 03, 2011 @ 11:31:52
gul-gul bhajiya khale geet la me bachapan ma sune rahev fer Aaj yela padake ma ha bachapan ma pahuch ge.
Manish Agrawal
अक्टूबर 12, 2011 @ 17:50:43
bachpan yaad aage ji
rajesh sharma
नवम्बर 21, 2011 @ 00:11:14
निक लागिस गा .
joy
दिसम्बर 23, 2011 @ 20:21:42
dai kasam bane lagis
Devpatel
जून 08, 2012 @ 05:56:20
Good songs.:-):-):-):-):-):-):-):-):-):-).
Devpatel
जून 08, 2012 @ 05:57:45
Very good.
ताम्रध्वज साहू
फरवरी 17, 2013 @ 10:11:12
यह गीत मुझे अच्छा लगा यह सबसे बड़िया हैं !! THANKS TO YOU¤
raju mourya
मार्च 06, 2013 @ 23:08:44
Chhatishgarhi gulgula
Kalkata ke rasgulla
Kolhapuri chappal
Surat ke malmal
Sable sable badhhya.
mahendra janghel
जुलाई 07, 2013 @ 15:34:13
bahut accha chhattisgari geet ke kiahor kumar
GHANARAM PATEL
जुलाई 10, 2013 @ 13:03:46
I LOVE CHATTISGARH
banshi
जून 04, 2014 @ 12:36:22
arpa pairi ke dhar
narendra chandra
सितम्बर 28, 2014 @ 08:04:18
गाना बहुत अच्छा लगा
1 गाना है तेदू पान टोरे ल जाबो डोगरी म रे
ये गाना भी दें
Chhaliya Ram Sahani 'ANGRA'
जनवरी 30, 2015 @ 13:02:29
Gulgula bhajiya au dadariya sang me bhai Shekh Husain ke awaj .Jabrdasti dadariya la sunes rel ha sahi ek din mor Rajim ke chhut gis au motor me jay bar kilarnet master Chandulal Wankhede le udhari le bar paris .ye yaad bahut purana kadir chauk ke gana sunke yad aa ge Bhai Shaikh Hussain la sardhnjali arpan he.
Satish Pandey, Bilaspur Chhattisgarh
फरवरी 02, 2015 @ 18:47:32
Bahut din ke bad atka sughr geet sune hon bhai maja age ga..
chhaliyaramsahani
फरवरी 02, 2015 @ 19:22:41
Dadariya ke sirmaur bhai Shekh Hussain hare.
Dhaneshwar
फरवरी 06, 2015 @ 19:10:23
abad sughar git have man la hilor dethe
SHIVA NIRMALKAR
अप्रैल 30, 2015 @ 17:59:17
BAHUT SUNDAR SANGEET……..
gulab chand agrawal
मई 12, 2016 @ 05:26:05
bahut achchha lagis rajesh bahi….hamar jawani ke din ke surta fer hariyar hoge ga…aap man la bahut dhanyawad
BYAPARI RAM VERMA
जुलाई 31, 2016 @ 22:40:04
gulgul bhajiya to aaj bhi khaye ke man lagthe.
abhishek mishra
अक्टूबर 27, 2016 @ 14:19:54
ददरिया सम्राट शेख हुसैन के ददरिया सुन के गांव, मड़ई, मिठई, रलचुली, लोगन के भीड़-भाड़ सबो आंखी के सामने आगे..अइसे लगत हे मानो ये सबो अभीच हो हे…
debashish ghatak
मार्च 08, 2017 @ 13:51:54
जबरदस्त …जानदार …शानदार….इस संकलन से जुड़े समस्त जनों को जितनी बधाई ,मुबारकबाद व् धन्यवाद् दिया जाये कम है|नए – पुराने …लगभग हर प्रकार के छत्तीसगढ़ी गीतों के अनमोल कड़ियों को पिरोकर,एक डिजिटल प्लेटफार्म करना ,छत्तीसगढ़ी लोकगीत के बहुमूल्य विरासत के लिए उत्कृष्ट योगदान है|विशेषतः पूरा वेब पेज यूजर फ्रेंडली है |
Sushil Kumar sahu
जुलाई 16, 2017 @ 17:43:25
bariha juna git aye