मूलतः इस गीत को केदार यादव जी ने गाया था, केदार यादव जी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित संध्या में कविता वासनिक जी ने इस गीत को गाया था
हमरो पुछइया भईया~ कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो देखइया भईया, कोनों नई-ए गा
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
हमरो देखइया भईया, कोनों नई-ए गा
गोरी नई-ए, कारी नई-ए
टुरिल हे, मोटियारी नई-ए
जिनगी के संगवारी नई-ए
सुघर कस सुवारी नई-ए
गोरी नई-ए, कारी नई-ए
टुरिल हे, मोटियारी नई-ए
जिनगी के संगवारी नई-ए
सुघर कस सुवारी नई-ए
रांध के देवइया भईया~ कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
रांध के देवइया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
असकटा डारिसे निचट, होटल के खवाई
होटल के खवाई
असकटा डारिसे निचट, होटल के खवाई
होटल के खवाई
मन बिमरहा खोजत हाबय, घर बइठे दवाई
घर बइठे दवाई
मन बिमरहा खोजत हाबय, घर बइठे दवाई
घर बइठे दवाई
पारा-भर ल गड़त हे मोर, आधा रात अवाई
आधा रात अवाई
पारा-भर ल गड़त हे मोर, आधा रात अवाई
आधा रात अवाई
चुगरी नई-ए, चारी नई-ए
गिल्ला नई-ए, गारी नई-ए
बाबु के किलकारी नई-ए
नोनी के महतारी नई-ए
चुगरी नई-ए, चारी नई-ए
गिल्ला नई-ए, गारी नई-ए
बाबु के किलकारी नई-ए
नोनी के महतारी नई-ए
रात-दिन लड़ईया भईया~ कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
रात-दिन लड़ईया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
ओढ़र करके कूद-कूद के, ससुर के घर जातेन
ससुर के घर जातेन
ओढ़र करके कूद-कूद के, ससुर के घर जातेन
ससुर के घर जातेन
रंग-रंग के आनी-बानी के, तीन तेल के खातेन
तीन तेल के खातेन
रंग-रंग के आनी-बानी के, तीन तेल के खातेन
तीन तेल के खातेन
तेकरो ऊपर घेरी-बेरी, थोथना ल ओरमातेन
थोथना ल ओरमातेन
तेकरो ऊपर घेरी-बेरी, थोथना ल ओरमातेन
थोथना ल ओरमातेन
गांव म तो पुछारी नई-ए
हीरा के चिन्हारी नई-ए
भांवर के पिंयारी नई-ए
सारा नई-ए सारी नई-ए
गांव म तो पुछारी नई-ए
हीरा के चिन्हारी नई-ए
भांवर के पिंयारी नई-ए
सारा नई-ए सारी नई-ए
(ऐ~ भांटो~)
भांटो कउहइया भईया~ कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
भांटो कउहइया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
देवता तुंहर पईयां लागंव, सुन लो हमर विनती
सुन लो हमर विनती
देवता तुंहर पईयां लागंव, सुन लो हमर विनती
सुन लो हमर विनती
किरिया हे नई सिखन आघु, दू ले तीन के गिनती
दू ले तीन के गिनती
किरिया हे नई सिखन आघु, दू ले तीन के गिनती
दू ले तीन के गिनती
जानत हबन पुरखा मन कस, नई चले उछ्न्ती
नई चले उछ्न्ती
जानत हबन पुरखा मन कस, नई चले उछ्न्ती
नई चले उछ्न्ती
घर नई-ए, दुवारी नई-ए
कोला नई-ए, बारी नई-ए
बारी म तरकारी नई-ए
ये जिनगी निस्तारी नई-ए
घर नई-ए, दुवारी नई-ए
कोला नई-ए, बारी नई-ए
बारी म तरकारी नई-ए
ये जिनगी निस्तारी नई-ए
हाथ-गोड़ मिंजईया भईया~ कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
हाथ-गोड़ मिंजईया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
रांध के देवइया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
रात-दिन लड़ईया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
भांटो कउहइया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा
हमरो पुछइया भईया, कोनों नई-ए गा~आ~
हमरो देखइया भईया, कोनों नई-ए गा
गायन शैली : ?
गीतकार : रामेश्वर वैष्णव
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : ?
गायन : कविता वासनिक
संस्था/लोककला मंच : ?
कविता वासनिक
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
अक्टूबर 06, 2011 @ 08:17:51
शीर्षक देखते ही जो पहली बात याद आई वह यही ”(ऐ~ भांटो~)” थी, सोचा आपसे चूक गई होगी तो जोडूंगा कि यह एक छोटा सा टुकडुा किस खूबसूरती से पेश किया जाता था, कितना मधुर होता था, पूरे गीत की जान होता था…
अक्टूबर 06, 2011 @ 08:31:36
A most entertaining and valuable effort. My Best wishes.
अक्टूबर 06, 2011 @ 08:58:15
बेहतरीन प्रस्तुति। कविता वासनिकजी ने भी पूरी उत्कृष्टता से गाया है। हालांकि मूल का मजा कुछ और ही है, या शायद उसी की आदत है।
अक्टूबर 07, 2011 @ 18:34:30
thankyou verymuch
अक्टूबर 07, 2011 @ 21:31:15
जून्ना गीत के सकलईया भईया तही हाबस गा…………….
अक्टूबर 08, 2011 @ 10:24:32
Chandrakarji, achchha hota yadi is geet ko aurat ke jagah me aadmi awwaz me gawaye hotew.
अक्टूबर 08, 2011 @ 22:56:43
Sundar geet.
अक्टूबर 12, 2011 @ 17:50:27
Ae geet la sunke achha lagish.
अक्टूबर 13, 2011 @ 22:24:56
गीत हमरो पूछईया के गीतकार श्री रामेश्वर वैष्णव जी आय,सगीतकार स्व केदार यादव जी स्वय रहिन
अक्टूबर 19, 2011 @ 22:52:25
Dil se khus ho ge ris
अक्टूबर 30, 2011 @ 00:36:53
kavita ji ka har song itna suhana aur mitha lagta hai ki tarif ke leye mere paas word nhi hai….
नवम्बर 12, 2011 @ 20:36:19
bahut din me sunev. bahut neek lagis.
दिसम्बर 12, 2011 @ 12:38:02
bhut bdiha lagis he
दिसम्बर 22, 2011 @ 20:21:13
hamro puchhaiya bhaiya kono naiye gaa………….
अप्रैल 18, 2012 @ 09:43:34
mai bahut dino se is geet ko khoj raha tha, thanks to my brother jisne mujhe chhattisgarhi geeto ka collection bheja. ye mera bahut hi pasandida geet hai. ise original voice me sunane me dil ke andar tak jaata hai. a real salute to Late Kedar Yadav ji………!
मई 12, 2012 @ 08:35:49
bahut hi achha
जून 12, 2012 @ 15:50:40
महल बनाना तो आसान हे राजेश भैया, पर ओखर देखभाल करना बहुत मुश्किल होथे ओइसने आपो हाबव आप मन पुराना गीत ला सहेज के रखत हव आपमन ओइसने महल के देखरेख करइया हव
अक्टूबर 28, 2012 @ 12:35:04
MOR DILESHWAR KAKA HA BAHUT SUNTHE
जनवरी 10, 2013 @ 01:15:50
बचपन के याद ताजा होगे ।
जनवरी 26, 2013 @ 22:55:57
Karib 8 saal bad ye geet la sunev dil gadgad ho ….vaise ye geet kavita ji k koyli ks aawaj ma bd sughhar lagthe…..
फरवरी 01, 2013 @ 12:05:10
sunke apan purana deen yaad aage.bahut achha lagis.
मार्च 09, 2013 @ 13:47:07
Bachpan Ke Sune Git, 20 Sal Bad Aap Man ke Collection Au Aap man Mehnat Le Sune bar Milis He.
Aap Man Ke Soch Bahut Jada He, Hum kewal Bahut-2 Dhanyavad Bol Sakat Han Pr…………………………….. Sima Nahi ye, Yekar shivay hamar pas koi word nhi he.
अप्रैल 07, 2013 @ 14:13:48
चंद्राकर भाई , केदार यादव की आवाज़ की बात ही कुछ और है, यह गाना यदि उनकी आवाज़ में हो तो अवश्य उपलोड करें । आपके प्रयास की जितनी भी तारीफ की जाय कम है, बहुत सारे दुर्लभ गाने आपने संग्रहित की है । बहुत – बहुत साधुवाद ।
जून 28, 2013 @ 19:56:02
आपके प्रयास की जितनी भी तारीफ की जाय कम है, बहुत सारे दुर्लभ गाने आपने संग्रहित की है
अगस्त 11, 2013 @ 10:02:33
aisa kyon lagata hai ki kabhi es geet ko male ki awaj men ki awaj men suna tha….
दिसम्बर 31, 2013 @ 16:39:58
c g gana sunke achhchh lagta hai.
मार्च 07, 2014 @ 23:08:17
गीत अबड बडिया लागिस केदार जी के अवाज म रहतीच त अऊ बडिया रहतीच
जून 21, 2014 @ 15:22:37
Bahut hi sundar geet jisme kahi na kahi ham sab ko apne jivan ki vibhinn kamiyo k bare me geet k jariye bataya gaya hai.. Wonderful song with wonderful lyrics..
जुलाई 04, 2014 @ 13:22:39
man ko moh lene wale geet
सितम्बर 06, 2014 @ 23:25:34
bhari sughar geet au geet likhaiya au geet gawaiya didi bhaiya man gada-gada badhai.
ye geet chhattisgarhiya man antas la chhu darthe.
jammo sangi man la ram-ram
अक्टूबर 01, 2014 @ 09:29:50
dil jeet gana hawae bada mast lagise ye gana me jammo chij man badhiya hawae gitkar,sangitkar, au lekhak bad maja aeish. sangi,mitan,laika,siyan jammo jhan la ghaneshwar chauhan ke ram ram.
नवम्बर 22, 2014 @ 15:34:25
Hamro puchhaiya sangi kono naiye ga
Git sunke bane lagis
Chatisgarhi git sangitsunaiya jammaosangwari man la jai johar
दिसम्बर 04, 2014 @ 14:03:13
Kedar yadav ke awaz me ye geet ha abbad meet lagthe.
जनवरी 29, 2015 @ 10:53:57
bahut sughhar lagis
जनवरी 29, 2015 @ 16:16:32
Bahut achchha hai.
मई 27, 2015 @ 13:33:23
bahut achchha lagis he mor taraf se ***** 5star
जुलाई 11, 2016 @ 16:06:53
हम तो अभी के लाइका इसना जुनना गीत सुने नि रहेन सुन के मजा अइस ……..एकर लिए अाप मन ल जय जोहार..
अक्टूबर 17, 2016 @ 21:15:36
“चंदैनी-गोंदा” chhattisgarhi is very very good songs ………………?
Vill. Khokhri,
फरवरी 17, 2017 @ 15:28:38
Anmol geeton ka sangrah.
फरवरी 18, 2017 @ 17:51:05
मे अउ मोर शिवारे परिवार हा आपमन के जिनगी भर अभारी रही..!!
कबर के हमर परिवार छत्तीसगढी संस्कृति ले जुड़े परिवार आए..
चन्द्राकर जी आप ला सादर नमन्…!
जुलाई 16, 2017 @ 00:07:00
Bahut hi sundae….jai chhattisgarh
जुलाई 31, 2017 @ 08:00:49
केदार यादव के स्वर म ए गाना ल जरूर देहु
अगस्त 15, 2017 @ 20:19:14
Kedar yadav ji ke aawaz me geet la sunahu bhaiya.
सितम्बर 01, 2017 @ 09:49:41
katek badiya chhattisgariha git ke collection hawe bhaiya maza aage sune dhanyawad, purana git ke anand ke thikana ni he au isne git hawa je la khojt ho lekin kahu milt ni he
फरवरी 25, 2018 @ 15:51:27
केदार यादव जी जईसन छत्तीसगढ़ के हीरा ल सादर परनाम हे, हिरदय ले श्रद्धान्जली है
अप्रैल 20, 2018 @ 15:06:32
bahut bariha geet aay .juna geet man antash la chhu lethe.
मई 14, 2018 @ 16:55:57
hamar purni basti ke pankhatiya par ke gana jaise lagthe
सितम्बर 08, 2019 @ 11:50:50
इसका ओरिजनल गीत साझा करें चंद्राकर जी।
नवम्बर 10, 2019 @ 14:06:44
PUrani यादें ताजा करदिया जब बैटरी वाला रेडियों में गर्मी के दिन सुनन
नवम्बर 16, 2019 @ 13:09:34
हम मूल गायक की आवाज मे गीत सुनने के ईच्छुक हैं