साभार… राहुल सिंह के ब्लाग ‘सिंहावलोकन’. ले, ये गीत ल ले गे हे |
जेला आप मन ऐ ब्लाग म देख सकत हव …
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सास गारी देवे, ननंद मुंह लेवे, देवर बाबू मोर
संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो ~~~ 3 ~~~
आए बेपारी गाड़ी म चढ़िके
तो ल आरती उतारव थारी म धरिके हो
करार गोंदा फूल
सास गारी देवे, ननंद मुंह लेवे, देवर बाबू मोर
संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो~
टिकली रे पइसा ल बीरी ले रीतेंव
मोर साइकल के चढ़इया ल चिन्ही ले रीतेंव ग
करार गोंदा फूल
सास गारी देवे, ननंद मुंह लेवे, देवर बाबू मोर
संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो~
राम धरे बर्छी लखन धरे बाण
सीतामाई के खोजन बर निकलगे हनुमान ग
करार गोंदा फूल
सास गारी देवे, ननंद मुंह लेवे, देवर बाबू मोर
संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो~
पहिरे ल पनही खाये ल बीरा पान
मोर रइपुर के रहइया चल दिस पाकिस्तान ग
करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो~
सास गारी देवे, ननंद मुंह लेवे, देवर बाबू मोर
संइया गारी देवे, परोसी गम लेवे, करार गोंदा फूल
केरा बारी में डेरा देबो चले के बेरा हो~
गायन शैली : ?
गीतकार : गंगाराम शिवारे
रचना के वर्ष : 1972-73
हारमोनियम – देवीलाल नाग
तबला – अमरदास मानिकपुरी
क्लेरिनेट – जगमोहन कामले
मजीरा – मजीद खान
ढोलक – गणेश प्रसाद
गायन : हबीब तनवीर, भुलवाराम यादव, बृजलाल लेंझवार, लालूराम अउ साथी
संस्था/लोककला मंच : नया थियेटर
नाटक : गाँव के नाँव ससुरार मोर नाँव दमाद
गंगाराम शिवारे
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संगी मन के गोठ …