धनी बिना जग लागे सुन्ना रे … Dhani Bina Jag Lage Sunna Re

धनी बिना जग लागे सुन्ना रे
नई भावे मोला
सोना चांदी महल अटारी~
धनी बिना जग लागे सुन्ना रे
नई भावे मोला
सोना चांदी महल अटारी~

घर बन बैरी लागे
गली गाँव कुल्लुप लागे
अन्न पानी जहर भईगे
बोली हंसी जुलुम लागे
अन्न पानी जहर भईगे
बोली हंसी जुलुम लागे
तन मन ह लागत हाबय घुन्ना रे
नई बाचय चोला
धधकत हे छतिया मा आगी

माटी के मोल काबर
सोलहों सिंगार लागय
चढ़ती जुवानी मोरो
अंगरा के आंच लागय
चढ़ती जुवानी मोरो
अंगरा के आंच लागय
पीरा होवय छिन छिन नवा जुन्ना रे
नई बाचय चोला
धधकत हे छतिया मा आगी

पीरा पिरित भईगे
जरत हे हिडाके काया
काबर बनाये रामा
मया पीरा के माया
काबर बनाये रामा
मया पीरा के माया
अधरे मा जिंदगी भईगे झुलना रे
नई बाचय चोला
धधकत हे छतिया मा आगी~

धनी बिना जग लागे सुन्ना रे
नई भावे मोला
सोना चांदी महल अटारी~
सोना चांदी महल अटारी~
सोना चांदी महल अटारी~

 

कविता वासनिक
कविता वासनिक (हिरकने)


गायन शैली : ?
गीतकार : लक्ष्मण मस्तुरिया
रचना के वर्ष : 1982
संगीतकार : खुमान गिरजा
गायिका : कविता वासनिक (हिरकने)
संस्‍था/लोककला मंच : ?

यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं

गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …

15 टिप्पणियां (+add yours?)

  1. laxman khelwar
    मार्च 15, 2011 @ 21:17:24

    dil jit lis gana ha guru ji

    प्रतिक्रिया

  2. raju
    जून 18, 2011 @ 22:15:08

    dur me rhi ke jab apan mati ke geet sunke ek nawa josh jagthe au wo mati la pranam karto

    प्रतिक्रिया

  3. Krishna Kumar Ghidore
    अगस्त 24, 2011 @ 22:09:18

    bahut badhiya gaana haway

    प्रतिक्रिया

  4. devkumar sahu
    मार्च 28, 2012 @ 23:32:19

    ye git ha har pura pura din yad dilate,

    प्रतिक्रिया

  5. d p sahu
    अप्रैल 19, 2012 @ 15:58:23

    very nice song i like so much kavita g voice

    प्रतिक्रिया

  6. Lochan Prasad Dansena
    अप्रैल 21, 2012 @ 11:51:46

    om computer nawapara chhal best song

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  7. Badri prasad sahu
    अक्टूबर 17, 2012 @ 19:50:55

    A gaana la sunke mola apan gaon k abbad yaad aate.

    प्रतिक्रिया

  8. B.K.THAKUR
    जनवरी 18, 2013 @ 16:27:46

    Aap k inhi geeto ko sunkar chhattisgarhi hone par fakra hota hai..THANQ

    प्रतिक्रिया

  9. om sahu
    मई 02, 2013 @ 15:08:07

    more pasand ke sabl badiya gana ye yeha

    प्रतिक्रिया

  10. ramadhar sahu
    मई 08, 2013 @ 19:28:01

    bahut din ke bad ye madhur cg geet sunemiles

    प्रतिक्रिया

  11. manohar das mersa
    जून 28, 2013 @ 19:06:10

    bahut din ke bad ye madhur cg geet sunemiles he ye sugghar virah geet la

    प्रतिक्रिया

  12. गिरिराज भंडारी
    फरवरी 09, 2015 @ 07:22:15

    लाजवाब गीत रचना , लाजवाब गायन , लाजवाब संगीत ।

    प्रतिक्रिया

  13. Tirthraj Sahu
    अप्रैल 29, 2017 @ 22:32:19

    धानी का अर्थ क्या होता है?

    प्रतिक्रिया

  14. मुरली मनोहर वर्मा
    मई 24, 2020 @ 06:48:02

    सदाबहार गाने, दिल को छु लेते है आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    प्रतिक्रिया

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