कविता वासनिक

पिता : स्व. रामदास हिरकने

पति : श्री विवेक वासनिक

वर्तमान पता एवं टेलीफोन नं. : भरकापारा, कमल टाकीज के पास, वार्ड नं. 26, राजनांदगांव – 491441 (छत्तीसगढ़) फोन – 07744-225206, 098271-06937, 094252-43162

जीवन सफ़र
1. जन्म तिथि एवं स्थान : 18 जुलाई 1962, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

2. शिक्षा : बैचलर ऑफ साईन्स (बॉयलाजी) डिप्लोमा – लोक संगीत (इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ छत्तीसगढ़)

3. पारिवारिक पृष्ठभूमि : पिता स्व. श्री रामदास हिरकने, सरकारी कर्मचारी होने के साथ-साथ संगीत/गायन के क्षेत्र में विशेष रुचि रखते थे, जिसके कारण बचपन से ही संगीत का पारिवारिक परिवेश मिला। प्रथम गुरु के रुप में पिता स्व. श्री रामदास हिरकने एवं श्रद्धेय श्री खुमानलाल जी साव का सानिध्य रहा।

4. संप्रति-नौकरी/व्यवसाय : सहायक प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, राजनांदगांव (छ.ग.)

5. सांस्कृतिक योगदान की संक्षिप्त जानकारी : छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण की सांस्कृतिक क्रांति में शीर्षस्थ संस्थाएं चंदैनी गोंदा, सोनहा बिहान, कारी आदि लोक मंचों द्वारा छत्तीसगढ़ी गीतों को सहज, सरल एवं नवीनता के साथ अपनी आवाज के माध्यम से आम-लोगों तक पहुँचाया जिससे छत्तीसगढ़ी बोली की पद्य विधा में नई-नई रचनाओं का सृजन हुआ। स्कूल और कालेज के राज्य स्तरीय सांस्कृतिक स्पर्धाओं में राजनांदगांव जिले को प्रथम एवं श्रेठ स्थान दिलाने में भी योगदान रहा है।

6. सम्मान/उपलब्धि : – अखिल भारतीय नाट्य स्पर्धा जबलपुर (म.प्र.) में संगीत शिल्पी से सम्मानित।
– शिमला (हिमाचल प्रदेश) द्वारा श्रेष्ठ लोक गायिका के लिये पुरस्कृत।
– छत्तीसगढ़ राज्य अभिनंदन समारोह बालोद द्वारा छत्तीसगढ़ी कला धरोहर सम्मान से सम्मानित।
– अन्तर्राट्रीय महिला दिवस पर जिला प्रशासन, राजनांदगांव द्वारा सम्मानित।
– संगीत शिखर सम्मेलन, जांजगीर में लता श्री एवार्ड से सम्मानित।
– राजनांदगांव जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस पर विशेष सम्मान।
– राजनांदगांव की समाज सेवी संस्था उदयाचल के द्वारा विशिष्ट कला सम्मान।
– भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मार्च 1999 में आयोजित कृषक मिलन-मिलन समारोह में भारतीय स्टेट बैंक एवं कृषक क्लब द्वारा स्नेह अभिनंदन।
– राजनांदगांव की समाज सेवी संस्था राजीव फैन्स क्लब द्वारा प्रतिभा सम्मान।
– लायन्स क्लब ऑफ राजनांदगांव, उदयाचल एवं मुक्तिबोध जूनियर चेम्बर के संयुक्त आयोजन भावांजली में सादर सम्मान।
– उक्त सम्मान के अलावा जिले एवं राज्य के विभिन्न ग्रामों में कला मंचों के माध्यम से सम्मानित।
– वर्ष 2003-2004 में श्रेष्ठ विडियो एलबम जय माँ काली के लिये बहुरंग फिल्म फेयर एवार्ड रायपुर से सम्मानित।
– भिलाई स्पात संयंत्र द्वारा आयोजित लोक कला महोत्सव में सन् 2002-2003 में दाऊ महासिंग चन्द्राकर सम्मान से सम्मानित।
– सन् 2003-2004 में आयोजित कुंभ मेला उज्जैन में छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग की ओर से श्रेष्ठ प्रस्तुति छत्तीसगढ़ की प्रतिनिधि गायिका के रुप में।
– जमशेदपुर-टाटानगर (झारखंड) में संस्कृति मंत्री (झारखंड) द्वारा जनवरी 2006 में सी.पी.एन. क्लब सोनारी द्वारा सम्मानित एवं छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुति।
– छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित सम्मान कार्यक्रम 19.02.06 को रायपुर में माननीय बृजमोहन अग्रवाल, संस्कृति मंत्री (छत्तीसगढ़ शासन) द्वारा सम्मानित।
– नागपुर महाराट्र में नागपुर के पालक मंत्री द्वारा 27 जनवरी 2006 को सम्मानित।
– अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, बाम्बे में, छत्तीसगढ़ शासन की ओर से देशी-विदेशी पर्यटकों के समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुति।
– 22 जनवरी 2010 को राष्ट्रीय, खाखेल महोत्सव भुवनेश्वर (उड़ीसा) में छ.ग. शासन की प्रतिनिधि प्रस्तुति।
– सूरजकुंड शिल्पकला मेले में छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सफलतम प्रस्तुति।
– उज्जैन के सिंहस्थ मेले में, संतो के समागम पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से संतो के सम्मान में सांस्कृतिक प्रस्तुति माननीय महामहिम के.एम.सेठ
(राज्यपाल, छत्तीसगढ़ शासन) के आयोजन में राजभवन रायपुर में श्रेठ प्रस्तुति।
– सन् 1982 ग्रामोफोन चलन के समय म्युजिक इंडिया कम्पनी द्वारा सात छत्तीसगढ़ी गीतों के रिकार्डो की श्रृंखला जारी। जिसके गीत आज भी समय-समय पर देश के सभी आकाशवाणी केन्द्रों एव बी.बी.सी. लन्दन से प्रसारित होते रहते हैं।
– इस श्रृंखला का सबसे लोकप्रिय गीत – पता ले जा रे गाड़ी वाला ….
– वर्तमान में जस गीतों के कैसेटों, सी.डी. की श्रृंखला निरंतर जारी एवं नये आयामों को स्पर्श करते छत्तीसगढ़ी गीतों की कला सी.डी.आडियो।
– छत्तीसगढ़ के प्रथम दूरदर्शन केन्द्र रायपुर के उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ी गीतों के लिये आमंत्रण एवं श्रेष्ठ प्रस्तुति।
– अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बैंक के भोपाल मध्यप्रदेश आगमन पर छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि कलाकार के रूप में पावस पर्व पर भारत भवन, भोपाल (म.प्र.) में श्रेष्ठ प्रस्तुति।
– अच्छे छत्तीसगढ़ी गीतों की जनमानस में लोकप्रियता ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

7. अन्य : विलुप्त होते छत्तीसगढ़ी गीतों एवं लोक गीतों का संवर्धन एवं प्रसारण वर्तमान में आडियो कैसेट, धरोहर श्रृंखला द्वारा गांव-गांव तक पहुँचाने का प्रयास।

उपलब्धिया-सम्मान:अनुराग धारा राजनांदगांव नामक छ.ग. सास्कृतिक संस्था द्वारा – एक अभियान, छत्तीसगढ़ी गीतो और साहित्य मे आ रही फुहड़ता अश्लीलता द्विअर्थी गीतो के खिलाफ

  

आपके गाए छत्तीसगढ़ी गीत…

चौरा मा गोंदा … Chaura Ma Gonda

तरी हरी नाना रे … Tari Hari Nana Re

तोर लुगरा के अंचरा मा … Tor Lugra Ke Anchara Ma

तोर सुरता मा … Tor Surta Ma

तोला देखे रेहेंव गा … Tola Dekhe Rehenv Ga

धनी बिना जग लागे सुन्ना रे … Dhani Bina Jag Lage Sunna Re

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला … Pata Deja Re Pata Leja Re Gadiwala

पुन्नी के चंदा … Punni Ke Chanda

भेजत हाबव माया म … Bhejat Habav Maya Ma

मंगनी मा माँगे मया नई मिले रे … Mangni Ma Mange Maya Nai Mile Re

मोला जावन देना रे अलबेला मोर … Mola Javan Dena Re Albela Mor

मोर मया तोर बर … Mor Maya Tor Bar

लहर मारे लहर बुंदियाँ … Lahar Mare Lahar Bundiya

सावन आगे, आबे संगी हो … Sawan Aage, Aabe Sangi Ho

हमरो पुछइया भईया … Hamaro Puchhaiya Bhaiya

 

 

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