मोर तरसे नैना~~आं~आं~आं~आ~आ~
मोर तरसे~~~ नैना~~~
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा सुन्ना परे हे
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा
सिरतो हिरदे के अयना
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
देखव नहीं तन में आगी ढीलाथे
कईसे बतावव ये दिन पहाथे
देखव नहीं तन में आगी ढीलाथे
कईसे बतावव ये दिन पहाथे
सुरता आथे रही रही मोला सुरता आथे
सुरता आथे रही रही मोला सुरता आथे
तोर मीठी बोली बैना~
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा सुन्ना परे हे
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा
सिरतो हिरदे के अयना
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
धुकुर धुकुर लगे मन हे उदास
रोथव सुहावय नहीं बासी भात
धुकुर धुकुर लगे मन हे उदास
रोथव सुहावय नहीं बासी भात
तन हा मोर सुखवत हाबय तन हा मोर
तन हा मोर सुखवत हाबय
जइसे ये लकड़ी छेना~
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा सुन्ना परे हे
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा
सिरतो हिरदे के अयना
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
किरया हाबय तेहां आबे जरुर
देखत रइहूँ मोर मन के मजुर
किरया हाबय तेहां आबे जरुर
देखत रइहूँ मोर मन के मजुर
काबर तैं हां आवस नहीं या काबर तैं
काबर तैं हां आवस नहीं या
का तोर हाबय धय्ना~
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा सुन्ना परे हे
सुन्ना परे हाबय ऐ मोर करोंदा
सिरतो हिरदे के अयना
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
मोर तरसे नैना देखे बिना तोला रे
हाय मोर तरसे नैना देखे बिना तोला
गायन शैली : ?
गीतकार : पंचराम मिर्झा
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : पंचराम मिर्झा
गायिका : कुलवंतीन मिर्झा
एल्बम : पंचराम मिर्झा के लुभावन गीत – टी सीरीज
संस्था/लोककला मंच : ?
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
rajaram
नवम्बर 02, 2011 @ 17:00:47
I like old songs and thanks your website which i found my federate song.
Devpatel
अप्रैल 21, 2012 @ 04:53:08
Naja aa gais….
Devpatel
अप्रैल 21, 2012 @ 04:55:19
Maja aa gais….
shashi kumar diwan
जून 13, 2013 @ 18:27:46
ऐ गाना ल सुनके मन ह एकदम गदगद होगे जतका मजा सुने मे आथे ओतका गोठियाय मे नई आय ये गाना के बोल ह अब्बड् सुघ्घर हे छत्तीसगढ के बोली अऊ छत्तीसगढी गीत म अब्बड़ मिठास हे
Chhaliya Ram Sahani 'ANGRA'
जनवरी 30, 2015 @ 12:42:08
Nacha saili me Panchram Mirza au kulwantin Bai ke gaye geet man bahut sunder au chhattisgarh ke dharohar he najariya geet ke bahut sunder prastuti ye geet ke madhyam le Kulwantin Bai dwara kare ge he..Dhanyawad.
pradeep
जुलाई 11, 2016 @ 15:43:39
मजा आगे गाना सुन के मनभरगे
Manoj
मार्च 28, 2017 @ 23:24:05
बहुत अच्छी
ठाकुर राम साहू
जुलाई 18, 2017 @ 16:01:54
खुमान लाल साव।जी के गाना अइसन भोले बाबा ल वाले गाना रखव
Sushil Kumar sahu
अक्टूबर 18, 2018 @ 15:43:07
gajab he.
Shyamu satnami
दिसम्बर 04, 2019 @ 20:22:22
Bhut achcha he aur sabhi game Mirza ji ke you tube me aana chahiye thank yoy
सुनील कुमार वर्मा
अगस्त 26, 2021 @ 12:49:53
बहुत बढ़िया अति सुंदर
दिलीप कुमार खुटेल
मार्च 17, 2023 @ 15:34:41
बहुत सुंदर ढंग से हमारे हमारे संस्कृति को भुले बिसरे गीत को संकलन एवं सयोज कर रखें है मैं दिल से धन्यवाद देता हूं और आने वाले पीढ़ी भी इसे न भूलें