तेलचघी
मड़वा गाड़य अउ मंगरोहन स्थापना के बाद सुरु होथे ‘तेलचघी’ के नेंग। तेलचघी के नेंग ह वर अउ कन्या दुनों कोती मनाये जाथे। तेल म हरदी ल घोर दे जाथे। बिहाव मंडप म वर या कन्या ल पीढ़हा म बैठा के ओकर पांव ले लेके सिर तक पहिली तेलचघी ल घर के पांच झन जीजा, फूफा या भईया मन ह पांच-पांच बेर हरदी चघाथे।
अउ बाद के तेलचघी ल सुवासिन मन ह पांच-पांच बेर हरदी चघाथे।
‘तेलचघी’ के गीत म दाई, काकी, मामी, फूफू मन के संगे संग तेल हरदी के वरनन मिलथे। ये गीत मन-म राम-लखन ल तेल चढ़ाये के उल्लेख घलो मिलथे। एकर कारण इहि हरे कि राम-सीता ह प्राचीनकाल ले वर-वधु के आदर्स रहे हे। कन्या पक्ष के गीत म कन्या के मन के सुंदर अंकन के संग बिहाव के मंगलमय परसंग के वरनन मिलथे। कन्या के डर अउ माँ-बाप छूटे के पिरा ह ये गीत म मिलथे।
कुछ उदाहरण –
तोरे ददा बाबू देसपति के राजा
अउ काहे गुन रहे गा कुंवारा
हरदी के देस दीदी
हरदी महंगा भइगे, अउ परी सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
करसा महंगा भइगे, बिजना सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
हरदी के देस दीदी
चाउंर महंगा भइगे, अउ पर्ण भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
मंगरोहन महंगा भइगे, गुड़रा भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
– o –
पहार ऊपर
पहार ऊपर मोर धानर बाजे
पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल
कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
कोन तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े
ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
दाई तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े
– o –
सुरहिन गइया के गोबर मंगाले ओ
हाय, हाय मोर दाई खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई मोतियन चौंक पुरा ले ओ
मोतियन चौंक पुरा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के बतिया लगा ले ओ
सोने के बतिया लगा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सुरहिन घीव जला ले ओ
– o –
हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो
कांचा तिली के तेल
कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
कांचा तिली के तेल
ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
दाई आनय तिली के तेल
कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
कोन देवय अंचरा के छांव
फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
दाई देवय अंचरा के छांव
राम-लखन के मोर तेल चढ़त थे
बाजा के सुनव तुमन तान
– o –
कहां रे हरदी, कहां रे हरदी
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे लिए अवतार
मरार बारी, मरार बारी
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
बनिया दुकाने दीदी लिएंव अवतार
कहां रे पर्रा, कहां रे पर्रा
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे पर्रा तैं लिए अवतार
सिया पहार ऐ, सिया पहार ऐ
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
कंड़रा के घरे मैं लिएंव अवतार
हमरे हमरे दुलही राय बड़ सुकुमारी
पेरि देबे तेलिया ओ कांचा तिली के तेल
– o –
एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
दुवे तेल चढ़गे महतारी मुरझाय ।।
तीने तेल चढ़गे फूफू कुम्हलाय ।
चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय ।।
पांचे तेल चढ़गे भईया बिलमाय ।
छये तेल चढ़गे भउजी मुसकाय ।।
साते तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
हरदी ओ हरदी तैं साँस मा समाय ।।
तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमरेंव ।
मंगरोहन ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव ।।
आज के गीत ह वर पक्ष म हरदी चघात बेरा गाये जाने वाला गीत हरे। त आओ सुनथन आज के गीत…
एक तेल चढ़गे~
एक तेल चढ़गे, हो हरियर हरियर
हो हरियर हरियर
मंड़वा मे दुलरू तोर बदन कुम्हलाय~~
रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
कहवा के दियना दीदी करथे अंजोर~~
आमा अमली के~
आमा अमली के दाई सीतल छईहां
दाई सीतल छईहां
कर देबे फूफू तोर अंचरा के छांव~~
दाई के अंचरा
दाई के अंचरा वो अगिन बरत हे
हो अगिन बरत हे
फूफू के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~
काकी के अंचरा
काकी के अंचरा दाई अगिन बरत हे
दाई अगिन बरत हे
मामी के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~
डोंगरी पहारे
डोंगरी पहारे दीदी घनरा चलत हे
दीदी घनरा चलत हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
हमरे दुलरवा
हमरे दुलरवा नई बांधे मऊरे
नई बांधे मऊरे
नई सहे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
गायन शैली : ?
गीतकार : ?
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : ?
गायन : ममता चन्द्राकर
संस्था/लोककला मंच : ?
ममता चंद्राकर
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
Harihar Vaishnav
मई 22, 2011 @ 11:00:27
Aap aur aap jaise logon ke hii sadprayaason se Chhattisgarhii sanskriti ke bache rahane kii ummiid bandhii huii hai. Aapkii lagan, mehnat aur nishthaa ko naman. Mamta jii kii aawaaj kii to baat hii niraalii hai. Sangiit bhii anukuul hai. Sabhii badhaaii ke paatra hain. Aabhaar.
hiralalkashyap
मई 22, 2011 @ 15:17:29
THANKS
akaltara
मई 22, 2011 @ 19:50:13
बहुत महत्वपूर्ण.
man singh azad
मई 23, 2011 @ 15:55:02
bahut badhiya lagis bihav geet la sun ke.
रवि कुमार
मई 23, 2011 @ 21:35:46
अच्छा लगा…वाकई महत्त्वपूर्ण कार्य….
Duleshwar kumar som
जून 03, 2011 @ 22:01:38
आज जरुरत हे लोक गीत ला बचाके तभी आगे उम्मीद के किरण हावय
Rahul chandrakar
अक्टूबर 08, 2011 @ 11:57:09
Chattgarhi sangeet ke raksh karne wale bahut bahut bahut dhanyawad ke patra he. Me o man l pranam kart hon .aise hi age bhi hamar sanskriti la bachake rakho bhai ho.
Mahipal kahra
नवम्बर 28, 2011 @ 22:42:07
Aap man ke dvara ye sughar geit humla mils humla bahut kusi hois aap man la gada – gadg johar
yugal kishor kashyap
मई 10, 2012 @ 21:58:27
thanks mamta g ap logo se hi chhattisgarhi sabhyata bachi hai
SURESHMIREE
नवम्बर 18, 2012 @ 01:13:21
छत्तीसगढीया के का कहना जाहा बिहाव होईश उहेच गीत बोईस अऊ हरियर धान के बीज खोईश
Prabhat Dwivedi
जनवरी 07, 2013 @ 08:07:44
bahut bahut dhanyawad chhattisgarhi gana man la ek saath ek hi jagah uplabdh karwaye bar.
Arvind malhotra
जनवरी 27, 2013 @ 09:35:03
Apan lok git ke maja hi gajab ke hothe . Ela aisne sanjo ke rakhe ke jarurat he. Dhanyawad
bhuvendra shory
जून 07, 2013 @ 23:16:47
bahut accha geet
kuldeep singh rathore
दिसम्बर 12, 2013 @ 12:36:41
bhari sugghar lagis bihaw git la sunke hirday har mithas ma bharge
Chhaliya Ram Sahani 'ANGRA'
दिसम्बर 15, 2014 @ 14:31:27
paramparik bihav geet au gadua baja chhattisgarh ke dhadkan he.
om
जून 12, 2015 @ 00:51:49
bahut badiya Geet habe
ahemant15
जून 28, 2015 @ 16:49:31
शुक्रिया ! बहुत बहुत आभार!
खिलेश कुमार साहू रानीगॉव नगरी से
अप्रैल 24, 2016 @ 09:04:05
गीत सुन के बने लागीस मजा आगे
NILKUMAR BARIHA
अक्टूबर 18, 2016 @ 12:32:55
Badiya lagish sun ke thanks for all cg singer
अमित कुमार साहू
अप्रैल 27, 2017 @ 13:20:00
बहुत अच्छा ये छत्तीशगढ़ी मन को ही भ लेती है
अश्वनी निषाद
जून 20, 2017 @ 12:55:47
मोला छत्तीसगढी गाना बढ् अच्छा लगथेा
mukesh sahu
सितम्बर 28, 2017 @ 09:12:16
bahut sandar chhattisgarhi gana mola bahut bhadiya lagte
Sushil Kumar sahu
अप्रैल 20, 2018 @ 20:15:33
geet ha abad nik lagis
मनोज कुमार साहू
अक्टूबर 29, 2019 @ 18:31:16
विवाह गीत मोर पसंदिदा गीत आये मैं हर सिजन म सुन थव । वि. ममता जी ने इस गीत ल अमर कर देहे .