तोर लुगरा के अंचरा मा … Tor Lugra Ke Anchara Ma

 तोर लुगरा के अंचरा मा

तोर लुगरा के अंचरा मा मैं रइहव बंधके
तोर लुगरा के अंचरा मा मैं रइहव बंधके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके

तोर धोती के किनारे मैं रइहव बनके
तोर धोती के किनारे मैं रइहव बनके
तोर पागा मा कलगी रइहव बनके
तोर पागा मा कलगी रइहव बनके

तोला छोड़व नहीं संगी, अइसन झन हो उदास
तोला छोड़व नहीं संगी, अइसन झन हो उदास
तैं तो मीठ लबरा भारी, तोर का हे बिस्वास
तैं तो मीठ लबरा भारी, तोर का हे बिस्वास
तोर का हे बिस्वास, तोर का हे बिस्वास
हाय~
मोर सपना के घर ला मैं बनाहव मनके
मोर सपना के घर ला मैं बनाहव मनके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके

तोर रेंगना बताथे, मोला मारत हावस तैं
तोर रेंगना बताथे, मोला मारत हावस तैं
तहूँ कम नईयस संगी, तोला जानत हाबव मैं
तहूँ कम नईयस संगी, तोला जानत हाबव मैं
तोला जानत हाबव मैं, तोला जानत हाबव मैं
हाय~
मोला का हे मैं संगी तोरेच रइहव बनके
मोला का हे मैं संगी तोरेच रइहव बनके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके
तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके

तोर धोती के किनारे मैं रइहव बनके
तोर धोती के किनारे मैं रइहव बनके
तोर पागा मा कलगी रइहव बनके
तोर पागा मा कलगी रइहव बनके

होरे होरे तोर खोपा मा फुन्दरा रइहव बनके
होरे होरे तोर पागा मा कलगी रइहव बनके

 

Laxman Masturia
लक्ष्मण मस्तुरिया

कविता वासनिक
कविता वासनिक (हिरकने)


गायन शैली : ?
गीतकार : लक्ष्मण मस्तुरिया
रचना के वर्ष : 1982
संगीतकार : खुमान गिरजा
गायक : लक्ष्मण मस्तुरिया, कविता वासनिक (हिरकने)
संस्‍था/लोककला मंच : ?

 

यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं

 

गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …

13 टिप्पणियां (+add yours?)

  1. PN Subramanian
    सितम्बर 21, 2010 @ 11:39:34

    बड़े बने लागिस गा. तोर पागा मां कलगी हवे.

    प्रतिक्रिया

  2. Sanjeeva Tiwari
    सितम्बर 22, 2010 @ 09:13:30

    बने हें भईया, रमन दे झमा झमा.

    प्रतिक्रिया

  3. Hemant Sharma
    जून 01, 2011 @ 13:12:56

    yela kahithe geet.

    प्रतिक्रिया

  4. SAN
    जुलाई 22, 2011 @ 18:23:09

    PANTHI GEET LA GHLO SAMIL KRV…

    प्रतिक्रिया

  5. jahnvi
    अगस्त 12, 2011 @ 13:39:09

    we are very enjoyed to listen your song. Name – Prakash chandra verma , Narayan prasad sen , Raja Thakur

    प्रतिक्रिया

  6. manish kumar baghmare
    नवम्बर 24, 2011 @ 21:53:04

    manish kumar baghmare

    प्रतिक्रिया

  7. Heshanker sahu
    दिसम्बर 01, 2011 @ 16:14:17

    Yela kahithe ga prem geet

    प्रतिक्रिया

  8. ravindra mehar
    जनवरी 27, 2012 @ 20:24:55

    bane sugghar lagis

    प्रतिक्रिया

  9. DEVI PRASAD CHOUHAN/ CHARODA_BHILAI
    जनवरी 10, 2013 @ 01:32:15

    अभी कुछ दिन पहले कविता जी को भिलाई मेँ लाइव सुना। बहुत अच्छा लगा।

    प्रतिक्रिया

  10. ANNAPURNA DEV kasdol
    जनवरी 10, 2013 @ 01:37:07

    बढिया लागीस

    प्रतिक्रिया

  11. Dilip Kumar Kenar
    जुलाई 27, 2013 @ 12:51:34

    Toor Lugra ke Achara ma

    प्रतिक्रिया

  12. mahesh patel
    नवम्बर 27, 2016 @ 16:18:03

    gajab

    प्रतिक्रिया

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