चलो मन बंसरी बजावे जिहां मोहना रे
राधा रानी नाचे ठुमा ठु~म
रास रचावे जिहां गोकुल गुवाला रे
मिरदंग बाजे धुमा धुम
मोर सुवा ना मिरदंग बाजे धुमा धु~म
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
तरी हरी नाना रे नाना~
जमुना के खड़ मा कदम के बिरझा
नाचत थे मंजुरा अव फुदकत थे हिरणा
केदली कछार जिहां बोलथे पपीहरा रे
गमकत हाबे पाना फु~ल
रास रचावे जिहां गोकुल गुवाला रे
मिरदंग बाजे धुमा धुम
मोर सुवा ना मिरदंग बाजे धुमा धु~म
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
तरी हरी नाना रे नाना~
रूनझुन धुन गूँजे कदम के छईहां
नाचत थे गुवालिन जिहां जोरे जोरे बईहा
झाँझ मंजिरा जिहां झमके झमाझम रे
घुँघरू छुनके छुनाछु~न
रास रचावे जिहां गोकुल गुवाला रे
मिरदंग बाजे धुमा धुम
मोर सुवा ना मिरदंग बाजे धुमा धु~म
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
तरी हरी नाना रे नाना~
कलकल छलछल, छलकथे जमुना
झनन-झनन झनके ताल अव तमुरा
महर महर बन म मन लेय लहरा ले
भँवरा गुँजावे गुनागु~न
रास रचावे जिहां गोकुल गुवाला रे
मिरदंग बाजे धुमा धुम
मोर सुवा न मिरदंग बाजे धुमा धु~म
चलो मन बंसरी बजावे जिहां मोहना रे
राधा रानी नाचे ठुमा ठु~म
रास रचावे जिहां गोकुल गुवाला रे
मिरदंग बाजे धुमा धुम
मोर सुवा ना मिरदंग बाजे धुमा धु~म
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
तरी हरी नाना रे नाना~
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
तरी हरी नाना रे नाना~
तरी हरी नहा ना रे, नाना मोर सुवा ना
गायन शैली : सुआ गीत
गीतकार : लक्ष्मण मस्तुरिया
रचना के वर्ष : 1982
संगीतकार : खुमान गिरजा
गायिका : अनुराग ठाकुर, कविता वासनिक (हिरकने)
संस्था/लोककला मंच : ?
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
cgsongs
नवम्बर 05, 2010 @ 04:21:55
जइसे ओ मइया लिहे दिहे आना रे सुअना
तइसे तैं लेइले असीस
अन धन लक्ष्मी म तोरे घर भरै रे सुअना
जिये जग लाख बरीस…
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं…
Billu Bhaiya
नवम्बर 07, 2010 @ 10:21:23
सुआ नृत्य :- छत्तीसगढ़ के स्त्रियों का यह समूह नृत्य है। नारी मन की भावना, सुख-दुख की अभिव्यक्ति और उनके अंगों का लावण्य ”सुवा नृत्य” या ”सुवना” में देखने को मिलता है। इस नृत्य का आरंभ दीपावली से होता है जो अगहन मास तक चलता है। इस वृत्ताकार नृत्य में एक लड़की जो ”सुग्गी” कहलाती है, धान से भरी टोकरी में मिट्टी का सुग्गा रखती है-कहीं एक तो कहीं दो। ये शिव और पार्वती के प्रतीक होते हैं। टोकरी में रखे सुवे को हर रंग के नए कपड़े और धान के नव मंजरियो से सजाया जाता है। सुग्गी को घेरकर स्त्रियाँ ताली बजाकर नाचती और गाती हैं। इनके दो दल होते हैं। पहला दल जब खड़े होकर ताली बजाते गीत गाता है तो दूसरा दल अर्द्ध वृत्त में झूककर ऐड़ी और अंगूठे की पारी पारी उठाती और अगल बगल तालियाँ बजाकर नाचतीं और गाती हैं :-
चंदा के अंजोरी म
जुड़ लागय रतिहा,
न रे सुवना बने लागय
गोरसी अऊ धाम।
अगहन पूस के ये
जाड़ा न रे सुवना
खरही म गंजावत हावय धान।
सुवा गीत की प्रत्येक पंक्तियाँ विभिन्न गुणों से सजी होती है-चाहे प्रकृति की हरियाली देखकर किसान का प्रफुल्लित होता मन हो या विरह की आग मे जलती प्रेयसी की व्यथा, चाहे ठिठोली करती ग्राम बालाओं की आपसी नोंक-झोंक या अतीत की विस्तार गाथा, प्रत्येक संदर्भ में सुआ मध्यस्थ का कार्य करता है। देखिए एक बानगी –
”पइयाँ मै लागौं चंदा सुरज के रे सुअनां
तिरिया जनम झन देय
तिरिया जनम मोर गऊ के बरोबर
जहाँ पठवय तहं जाये।
अंगठित मोरि मोरि घर लिपवायं रे सुअना।
फेर ननद के मन नहि आय
बांह पकड़ के सइयाँ घर लानय रे सुअना।
फेर ससुर हर सटका बताय।
भाई है देहे रंगमहल दुमंजला रे सुअना।
हमला तै दिये रे विदेस
पहली गवन करै डेहरी बइठाय रे सुअना।
छोड़ि के चलय बनिजार
तुहूं धनी जावत हा, अनिज बनिज बर रे सुअना।
कइसे के रइहौं ससुरार
सारे संग खइबे, ननद संग सोइबे रे सुअना।
के लहुंरा देवर मोर बेटवा बरोबर
कइसे रहहौं मन बाँध।”
सुआ नृत्य के उपलक्ष्य में मालकिन रूपया-पैसा अथवा धन-चावल देकर विदा करती है, तब सुआ नृत्य की टोली विदाई गीत गाती है –
”जइसे ओ मइया लिहे दिहे आना रे सुअना।
तइसे तैं लेइले असीस
अन धन लक्ष्मी म तोरे घर भरै रे सुअना।
जिये जग लाख बरीस…।”
HIRALAL KASHYAP
फरवरी 25, 2011 @ 16:11:40
bahut din baad ye sunder gana sune la milise] chhattisgarhi ke vikas bar tuhar prayas ke badai kare bar more lang koi goth nayi he…… ram ram.
chanchal
मार्च 14, 2011 @ 10:49:42
this is nice to collecting & listning chhattisgarhi songs but i want to share this on facebook but i could not. tell me how i can share this songs with facebook.
thanks
chanchal bhatia
cgsongs
मार्च 14, 2011 @ 11:12:52
1. जिस गाने को फेसबुक में शेयर करना हो, उस गाने के पेज लिंक जैसे इस गाने का पेज लिंक https://cgsongs.wordpress.com/2010/11/05/tari-hari-nana-re/ है को फेसबुक के आपके वाल में Link Attachment के द्वारा शेयर किया जा सकता है| गाने का पेज लिंक Address Bar से या गाने के Title के ऊपर राईट क्लिक करके Copy Link Location पर क्लिक कर प्राप्त कर सकते है|
2. गाने के अंत में Share this में दिए Facebook Like के द्वारा भी आप गाना शेयर कर सकते हैं|
T.S.KORCHE
मार्च 15, 2011 @ 08:02:01
geet mobile par full download nahi ho rahe hai.
aman manikpuri anjor das
अगस्त 03, 2011 @ 12:07:30
lajawab rachna……………………..
– एमन दास मानिकपुरी
औरी भिलाई-३ दुर्ग
aman manikpuri anjor das
अगस्त 03, 2011 @ 12:30:30
का पुरबल के भाग जागे हो रे सुवना ,
तिरया जनम ऐसे आगे ..
छोर के छ्न्दना ऐसे छूटगे माया के बंधना बंधागे ,
मंगनी मया अतेक चिन्हौर मइके पराया लागे,
ननपन भूले झूले झुलना माया के छैहा,
ससुरे के दिन भुलागे ,
सिया बिहा छूटगे तहले,
खटिया गोरसी नोहरागे.
का पुरबल के भाग जागे हो रे सुवना ,
तिरया जनम ऐसे आगे ..
ऐसे के बेरिया कोंन पुछैया,तिरया जनम तिरयागे,
ताना ठोसरा म जिनगी खपगे रोवत गावत पहागे,,
का पुरबल के भाग जागे हो रे सुवना ,
तिरया जनम ऐसे आगे ………..
गीतकार ;-
एमन दास मानिकपुरी
औंरी भिलाई-३ दुर्ग (छ.ग.)
एमन दास मानिकपुरी
अगस्त 25, 2011 @ 15:27:57
suwa git ki bat hi nirali hai…………
UTTAM JAIN
अक्टूबर 26, 2011 @ 21:42:13
IS DEEWALI ME YEH SITE KHOLA AUR LAJWAB GANA PAYA
amit soni
दिसम्बर 28, 2011 @ 23:18:48
maa kasam ……. maza aa ge ////
kumar dileep
जनवरी 03, 2012 @ 14:07:57
i like this type of songs
ANAND SAHU DEEPAK NAGAR DURG
जनवरी 03, 2012 @ 17:23:46
chhattishgarya sable badya……………………………//////////////////////////
ANAND SAHU DEEPAK NAGAR DURG
जनवरी 03, 2012 @ 17:26:46
KOLWARI DI MATLAB ………. JAB CHHATTISGHRYA DUKHI HOTA HAI TAB KOLKI YA BAADI ME JAAKAR ROTA HAI…………..////
dinesh kumar hansh
मार्च 11, 2012 @ 12:11:35
jai johar
tejram patel samkera
अगस्त 09, 2012 @ 18:51:40
is song ke liye betab tha aaj pura hua…………………………. thanks net.
PRAVIN GAURIMA
जनवरी 25, 2013 @ 18:23:47
PRAVIN BABA 8959316787
Yogesh prajapati
जून 12, 2013 @ 22:07:20
Bahut barhiya gana he.
dhananjay
अगस्त 07, 2013 @ 15:14:21
Dhananjay lahare 7389129990 mola cg gana bahut badiya lagthe
tameshwar Sahu Anjora
अगस्त 16, 2013 @ 00:35:58
aapke site me jen gana uplabdha habe oha mor bar sirf gana nohe oha to ANMOL RATAN hare . Bahut bahut dhanyawad
RAKESH VERMA
सितम्बर 10, 2013 @ 13:37:11
sir iska koi jawaab nahi hain iska hum dhanyawad bhi nahi kar sakte
uttam jain
सितम्बर 21, 2013 @ 11:53:04
maja aa gay ji gana sunke………
Punnilalyadav
अगस्त 29, 2015 @ 17:27:53
Hamar boli chhatisgarhi aye boli aye jekar koi boli bhasha mukabla nai kar sakey hamar boli ma mithash bhare he akar geet ma madhurta atek he ki madhu bhi fal he
Likesh dewangan
जुलाई 25, 2019 @ 07:06:07
Tari Hari Nana mor sua na
राजेश्वर प्रसाद श्रीवास
मार्च 01, 2021 @ 21:24:47
बहुत सुन्दर…
छत्तीसगढ़ के लोकसंगीत संस्कृति को सहेजने का सुंदर पुनीत कार्य..🙏🙏🙏