भरथरी (प्रसंग 3. चम्पा दासी द्वारा राजा को पहचानना) … Bharthari

आज प्रस्तुत है, ‘टी सीरीज’ म्यूजिक कंपनी द्वारा सन् 1993 में रिलीज रेखादेवी जलक्षत्री द्वारा प्रस्तुत भरथरी गायन श्रृंखला का तीसरा प्रसंग…

भरथरी - रेखादेवी जलक्षत्री

1. राजा का जोगी वेष में आना
2. चम्पा दासी का जोगी को भिक्षा देना
3. चम्पा दासी द्वारा राजा को पहचानना
4. रानी का चम्पा दासी को सजा देना
5. रानी से चम्पा दासी के लिए विनती
6. शंकर पूजा, चम्पा को शंकर दर्शन

 

आइए सुने भरथरी लोकगाथा का प्रसंग “चम्पा दासी द्वारा राजा को पहचानना”

— गाथा —
अब ये चम्पा दासी राहय ते जाके रानी सामदेवी ल बताथे रागी (हौव)
अउ कइथे, रानी (हा)
में अतका कई डरेंव वो योगी ल (हौव)
वो जाबे नई करत ऐ (हा)
अउ तोर हाथ ले वो भिक्षा लुहूँ किथे (लेहूँ किथे)
हमर हाथ ले भिक्षा नई लेवत ऐ (हौव)
का पूछत हस रागी ओतका बात ल सुनके (हा)
जल-बल के खाख हो जथे (हौव)
अउ गुस्सा होके किथे (हा)
चार झन दीवान मन ला बोलथे (हौव)
वो योगी नोहय, चंडाल ऐ (हा)
जा ओला धक्का मार के निकाल दव (निकाल दव)
ओकर झोला झंटका ल नगां लव (हौव)
अउ गंगा में लेके बोहा दव (हा)
अब ओतका बात ल सुनके, चार छन दीवान राहय ते रागी (हौव)
योगी के पास में आ जथे (हा)
अपन अपन ले झोला ल नंगात रिथे (हौव)
बाबा ल धक्का मारत रिथे (हा)
लेकिन वो बाबा उंहा ले नई जावय (हौव)

— गीत —
तब तो बोले मोर रानी हा, मोर रानी हा वो
सुनले दासी मोर बाते ला
तब तो बोले मोर रानी हा, मोर रानी हा या
सुनले दासी मोर बाते ला

एकबारेच वो, अउ जाना दासी
एकबारेच वो, अउ जाना दासी
तेंहा भिक्षा ये देके, ये आना वो, येदे आवोना, भाई येदे जी
अउ भिक्षा देके आवोना, येदे आवोना, भाई येदे जी

भिक्षा ये लेके ये पहुँचत थे, येदे पहुँचय दीदी
चम्पा ये दासी ह आज ना
भिक्षा ये लेके ये पहुँचत थे, येदे पहुँचय दीदी
चम्पा ये दासी ह आज ना

लेलव बाबा तुमन, येदे भिक्षा ल ग
लेलव बाबा तुमन, येदे भिक्षा ल ग
येदे धूनी ल इंहा ले उठावव जी, ये उठावव जी, भाई येदे जी
येदे धूनी ल इंहा ले उठावव ना, ये उठावव ना, भाई येदे जी

— गाथा —
अब ये चम्पा दासी राहय तेन रानी सामदेवी के बात मान के आथे रागी (हौव)
फेर किथे (हा)
बाबा (हौव)
एले अब तो भिक्षा लेलेव (हा)
धूनी ल हटा दव (हौव)
हां भई भिक्षा नई लव (हा)
तो आसपास में तुंहर बर हम मंदिर बनवा देथन (हौव)
उंहा तुम पुजारी रहू (पुजारी रहू)
तुहाँ ल हाथी घोड़ा सबकुछ देबो (हौव)
लेकिन इंहा ले तुम धूनी ल तो हटा दो (हा)
ओतका बात ल सुनथे तो बाबा (हौव)
थोकन मुस्कुरा देथे (हा)
मुस्कुरा देथे ओकर दांत में, ओकर सोन के दांत लगे रिथे (हौव)
झलक ह दिख जथे (हा)
चम्पा दासी राहय ते चिन डारथे (हौव)
अउ चिन्हे के बाद का पूछत हस रागी (हा)
थई थई थारी ल पटक देथे (हौव)
अउ जाके बीच अंगना में (हा)
रोवन लाग जथे (हौव)

— गीत —
बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा वो
सुन ले रानी मोर बाते ल
बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा या
सुन ले रानी मोर बाते ल

वो ह योगी नोहय, तोर राजा ऐ वो
वो ह योगी नोहय, तोर राजा ऐ वो
येदे कही के रोवन लागत हे, भाई येदे जी
येदे कही के रोवन लागत हे, भाई येदे जी

बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा वो
सुन ले रानी मोर बाते ल
बोले बचन चम्पा दासी हा, चम्पा दासी हा या
सुन ले रानी मोर बाते ल

कोन भेषे में वो, भगवाने आथे
कोन भेषे में ना, भगवाने आथे
येदे कोन भेषे तोर राजा वो, भाई येदे जी
येदे कोन भेषे तोर राजा वो, भाई येदे जी


गायन शैली : भरथरी
गीतकार : ?
रचना के वर्ष : 1993
संगीतकार : रामकुमार साहू
गायन : रेखा जलक्षत्री
एल्बम : भरथरी
संस्‍था/लोककला मंच : महाकालेश्वर भरथरी पार्टी
म्यूजिक कंपनी : टी सीरीज

 

यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं

 

गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …

5 टिप्पणियां (+add yours?)

  1. maahie nayak
    अप्रैल 15, 2011 @ 11:37:18

    an excellentally job u had done. keep it up man..! “GO AHEAD”.

    प्रतिक्रिया

  2. Devpatel
    अप्रैल 21, 2012 @ 04:44:13

    Very good

    प्रतिक्रिया

  3. Prakash Shandey
    दिसम्बर 07, 2012 @ 06:07:33

    Bahoot achchha laga mere babuji ne bhi apko dhanywad diya,meri ek request hai ki aa yahan aur bhi gane prastut karen .DHANYWAD

    प्रतिक्रिया

  4. Poonmaram guriya
    जुलाई 18, 2013 @ 17:12:15

    V.g.

    प्रतिक्रिया

  5. ved
    जून 20, 2014 @ 18:02:18

    Very Good Rajesh Ji

    प्रतिक्रिया

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