पिंजरा के सोन चिरैया … Pinjra Ke Son Chiraiya

पिंजरा के सोन चिरैया, आंखी के नींद हरैया
पिंजरा के सोन चिरैया, आंखी के नींद हरैया
तैं उड़त आबे ना~ जोहत रहूं रद्‍दा
तैं पूछत आबे ना~ पिंजरा के~

मन मंदिर के बसैया, हो मन मंदिर के बसैया
जिनगी के रास रचैया, हो जिनगी के रास रचैया
मैं उड़त आहूं ना~ देखत रहिबे रद्‍दा
मैं पूछत आहूं ना~ पिंजरा के~

सनन सनन चले पुरवाही~ मन तरस-गे मैना कब आही~
सनन सनन चले पुरवाही~ मन तरस-गे मैना कब आही~
मैं बनगेंव तोर अमरैया, मैं बनगेंव तोर अमरैया
चहक जबे ना~ पिंजरा के~

पिंजरा के सोन चिरैया, आंखी के नींद हरैया
तैं उड़त आबे ना~ जोहत रहूं रद्‍दा
तैं पूछत आबे ना~ पिंजरा के~

मया के पांखी बांधे राजा~ मैं आहूं तोर दुवारी मा~
मया के पांखी बांधे राजा~ मैं आहूं तोर दुवारी मा~
तैं बन-जा मोर संवरिया, तैं बन-जा मोर संवरिया
मधुबन मा छाबो ना~ पिंजरा के~

मारे करेजा नैन कटारी~ कहां अरझ-गे मया के डारी~
मारे करेजा नैन कटारी~ कहां अरझ-गे मया के डारी~

मया के बोली तीर-तुर फांसा~ रद्‍दा मा आंखी लगाये आसा~
मया के बोली तीर-तुर फांसा~ रद्‍दा मा आंखी लगाये आसा~

मैं बनगेंव तोर बहेलिया
मैं बनगेंव तोर बहेलिया
मैं अरझ जाहूं-या
मैं बनगेंव तोर बहेलिया
रे मैं अरझ जाहूं-ना
पिंजरा के~

पिंजरा के सोन चिरैया, आंखी के नींद हरैया
पिंजरा के सोन चिरैया, आंखी के नींद हरैया
तैं उड़त आबे ना~ जोहत रहूं रद्‍दा
तैं पूछत आबे ना~ पिंजरा के~

मन मंदिर में बसैया, हो मन मंदिर में बसैया
जिनगी के रास रचैया, हो जिनगी के रास रचैया
मैं उड़त आहूं ना~ देखत रहिबे रद्‍दा
मैं पूछत आहूं ना~ पिंजरा के~

मोर मन के~
पिंजरा के~
मोर मन के~
पिंजरा के~
हो मोर मन के~
होय मोर मन के~

 


गायन शैली : ?
गीतकार : ?
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : ?
गायन : कुलेश्वर ताम्रकार, साधना यादव
संस्‍था/लोककला मंच : ?

 

यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं

 

गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …

7 टिप्पणियां (+add yours?)

  1. राहुल सिंह
    अप्रैल 30, 2011 @ 11:32:51

    पिंजरा के चिराई बर बहेलिया, पोंसे हे, धांधे हे के सिकार करिही.

    प्रतिक्रिया

  2. shatruhansingh dhruw
    मई 01, 2011 @ 09:01:32

    mai aapke cg se door hoon net ke aur aapke dwara cg song sun kar accha laga
    thanks,

    प्रतिक्रिया

  3. हरख जैन पप्पू
    मई 03, 2011 @ 16:19:47

    छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने का सद्प्रयास वंदन के योग्य है.
    आने वाली पीढ़ी के लिए हम ऐसे ही कुछ बचाकर दें .
    शुभकामनाएं ..
    हरख जैन पप्पू

    प्रतिक्रिया

  4. san
    मई 05, 2011 @ 08:49:22

    1 very..5. fantastic
    2 very interesting.
    3 Fataka he.
    &
    aap “PANTHI” Geeto ko bhi is site me uplbdh krane ka prayas kre.

    THANKS A LOT OF

    प्रतिक्रिया

  5. BALRAM SONWANI-9907758042
    अक्टूबर 30, 2011 @ 14:41:24

    cgsongs.wordpress.com ko open karte hi maan ko sukun milta hai i like this…

    आज के गीत

    प्रतिक्रिया

    • देवचन्द साहू
      मई 13, 2021 @ 19:31:57

      झिमिर झिमिर बरसे पानी दखो रे संगी देखो साथी चुचवावत हे ओरवाती, भिखम धर्मकार जी के गीत ल पुरा अपलोड करने की महान कृपा करें 🙏🙏🙏🙏🙏

      प्रतिक्रिया

  6. Chhaliya Ram Sahani 'ANGRA'
    दिसम्बर 06, 2014 @ 14:51:43

    Dadariya ke bad sughghar chayan he .aap la bahut bahut dhanyvad.

    प्रतिक्रिया

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