मोला जान देना रे सनानना मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
हा हा मोला जावन देना रे अलबेली मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
हो~ नई जावंव मैं हा अपन मन-के या
अपन मन-के~
नई जावंव में-हा अपन मन-के या
अपन मन-के~
सुने ला परही मोला जन-जन के~
सनानना मोर
अबड़ बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
हो~ चंदा रे उवे सुरुज लाली का या
सुरुज लाली का~
चंदा रे उवे सुरुज लाली का या
सुरुज लाली का~
चिंता ला झन करबे आवत हंव काली रे
सनानना मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
हो~ उत्ती के पानी रे बुड़ती के घांम
अरे बुड़ती के घांम~
उत्ती के पानी रे बुड़ती के घांम
बुड़ती के घांम~
जोगी गुफा मेंहा रई-थंव बैतल हे मोर नाम
सनानना मोर
अबड़ बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
आहा मोला जावन देना रे अलबेली मोर
अतेक बेरा होगे मोला जान देना
मोला जान देना रे अलबेला मोर
दाई मोला गारी दिही जान देना
आहा
ला~ला~ला~
ला~ला~
ला~
गायन शैली : ?
गीतकार : ?
रचना के वर्ष : ?
संगीतकार : ?
गायन : बैतल राम साहु, सुशीला ठाकुर
संस्था/लोककला मंच : ?
ये गीत ल कविता वासनिक ह घलो गाए हे जेल आपमन मोला जावन देना रे अलबेला मोर म क्लिक करके सुन सकत हव।
यहाँ से आप MP3 डाउनलोड कर सकते हैं
गीत सुन के कईसे लागिस बताये बर झन भुलाहु संगी हो …
राहुल सिंह
सितम्बर 25, 2011 @ 08:00:58
इसी गीत का असर है शायद, ‘जादूगर सैंया छोड़ो मोरी बइयां’ और ‘ढल गया दिन हो गई रात, जाने दो जाना है’ आदि आदि पर.
Zakir Ali Rajnish
सितम्बर 25, 2011 @ 20:30:49
बहुत बढिया।
——
मनुष्य के लिए खतरा।
…खींच लो जुबान उसकी।
प्रणय
अक्टूबर 01, 2011 @ 16:56:07
पारंपारिक व प्रेम गीत
धन्नू chhatttisgariya
नवम्बर 18, 2011 @ 22:56:37
bahut badiya gana…….ka karbe sanana ha javaen nai devay
SANJAY VERMA
अगस्त 25, 2012 @ 21:21:52
bahut badiya gana he
युगल
अगस्त 28, 2012 @ 18:28:00
आज ले 15-20 साल पहली छत्तीसगढ़ी मे बहुत सुघ्घर गाना सुने बर मिलत रहिस, फेर जब ले ये नवा-2 गाना आए हे तब ले मोला हमर ………. गाना सुने ला नई मिले, जब ले ये साईड ला मे जनेब तब ले मोला …… … सुने ला मिलते
धन्यवाद आपमन् के
युगल
gyaneshwar gendre
दिसम्बर 15, 2012 @ 17:16:11
gaana mujhe bahut pasand aaya..
kamal sahu
दिसम्बर 28, 2012 @ 21:44:45
बहुत बढ़िया गीत हावय…..
Vikram Singh
सितम्बर 09, 2013 @ 14:46:28
बहुत मिठास हे ।
manohar das mersa
जून 28, 2013 @ 18:58:50
बहुत बढिया।
Rajesh vastrakar
जुलाई 11, 2013 @ 23:52:11
Badiya prayas hai lekin ye mobile pe download kyo nahi ho raha hai….?
chhattisgarhiya babu
जुलाई 20, 2013 @ 00:17:32
download karne ke liye mouse right button click kareke save kare :)))
Vikram Singh
सितम्बर 09, 2013 @ 14:42:59
यह हमारी संस्कृति की धरोहर है . इसे सम्हाल रखे यही मेरी दुआ है.
nikhil kumar pal
जून 03, 2014 @ 18:33:15
mola jawan dena re alebe mor bahut achha hai
yishusahu
जनवरी 08, 2015 @ 17:19:07
vikarm singh ji ki bat se mi sahamat hu aaj kal ke gito me o bat nahi jo pahale ke gano me hoti hi
Chandresh Dewangan
अक्टूबर 14, 2015 @ 16:10:37
bane lagis he.
SANT KUMAR BAGHEL
अगस्त 30, 2016 @ 13:29:59
ye to bahut badiya kaam karat hav chandrakar ji aap la bahut shubhkamna au geet man bar bahut bahut dhanyawad lekin mola ek pareshani hovat he me ha mp3 download kare ke koshis karhthav lekin file ha 0 byte ke hothe chalay nahi
ajay kumar
सितम्बर 19, 2016 @ 12:52:20
mouse se right click kre aur save kre geet doawnload ho jayega
Devendra Ramchand Chitriv
नवम्बर 16, 2016 @ 08:59:27
Nagpur
Sinend kurrey
जुलाई 10, 2018 @ 12:53:44
बहुत ही अच्छा लगीच
संतोष बजाज
सितम्बर 08, 2018 @ 14:52:11
बहुत सुंदर गीत